Six days Teachers Orientation Programme of SHKES concluded with the blessings and in the pious presence of Shraddhey Siddh Bhauji
12-Jun- 2023
शहीद हेमू कालानी सोसाइटी के प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी की आशीर्वादपूर्ण पावन उपस्थिति
  
शहीद हेमू कालानी एज्युकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित स्‍कूलों के शिक्षकगणों के लिये दिनांक 7 जून से 12 जून तक आयोजित किये जा रहे ‘शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यक्रम’ के अंतिम दिन तीन अलग-अलग विधा के विद्वानों द्वारा अपने क्षेत्र में प्राप्‍त अनुभवों के आधार पर शिक्षगणों को जुदा-जुदा विषयों पर ज्ञान और प्रशिक्षण प्रदान किया। आज प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन पर संस्‍था के अध्‍यक्ष श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने अपनी पावन उपस्थिति से सबको आशीर्वाद प्रदान किया और विश्‍वास प्रकट किया कि सभी शिक्षकगण इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का लाभ लेकर विद्यार्थियों को संस्‍कारों से युक्‍त गुणवतापूर्ण शिक्षा देने में आवश्‍य सफल होंगे। इस छ: दिवसीय कार्यक्रम में संस्‍था के समस्‍त आठों स्‍कूलों के 200 से भी अधिक शिक्षकगण उपस्थित थे।    
रीजनल इन्‍स्‍टीट्यूट ऑफ एजूकेशन, भोपाल के प्रोफेसर डॉ. रमेश बाबू ने ‘’परिवर्तन के लिए शिक्षा’’(Education for Transformation) विषय पर बोलते हुए कहा कि वर्तमान शिक्षा प्रणाली बच्‍चों को उनके वर्तमान में जीने नहीं देती, वे केवल भविष्‍य के सपनों /उद्देश्‍यों को कल्‍पना में रखकर अपनी पढ़ाई करते हैं। बच्‍चों को कोर्स में तो नैतिकता और उच्‍च मूल्‍यों को अपनाने की बात की जाती है लेकिन वे अपने आसपास जो देखते हैं वह उसके विपरीत होता है। एक ही समय में वर्तमान, भूत और भविष्‍य में जीने के कारण शिक्षक भी वर्तमान में बहुत तनाव की स्थिति में हैं। नैतिकता के मानदण्‍डों में अनिश्‍चितता से बाहर आने के लिये शिक्षा की आवश्‍यकता होती है। इतिहास सदैव परिवर्तशील होता है इसलिये वर्तमान में शिक्षा के क्षेत्र में हम परिवर्तन की स्थिति में हैं। शिक्षकों को परिवर्तन की गति, परिवर्तन का स्‍वरूप और परिवर्तन की मात्रा या दर को समझना आवश्‍यक है। भविष्‍य के लिये एक विषय, विधा या दिशा के स्‍थान पर बहुमुखी ज्ञान या जानकारी अति आवश्‍यक है।  
दूसरे सत्र के वक्‍ता थे पंडित सुंदरलाल शर्मा सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ वोकेशनल एजुकेशन (PSSCIVE), जो कि एनसीईआरटी की इकाई है, के प्रोफेसर डॉ. वी.एस. मेहरोत्रा। उन्‍होंने ‘’व्‍यावसायिक अध्‍यापन’’ (Vocational Pedagogy) की व्‍याख्‍या करते हुए कहा कि भारत सरकार की नई शिक्षा प्रणाली में विद्यार्थियों में किताबी ज्ञान की गंगा बहाने के स्‍थान पर उनके अन्‍दर कौशल विकसित करने पर बल दिया गया है। उनको इस प्रकार की शिक्षा दी जाए जिससे वे स्‍वावलम्‍बी बनें। शिक्षा तीन एच्‍छ अर्थात हेड, हार्ट, और हैंड प्रणाली पर आधारित हो जिसमें बच्‍चे की शिक्षा के उचित आकलन की व्‍यवस्‍था होनी चाहिये। शिक्षक को एक फेस्लिीटेटर की भूमिका निभाते हुए बच्‍चों को गतिविधि आधारित शिक्षा प्रदान करके उनके अन्‍दर लेखन-कौशल, व्‍यवस्‍था-कौशल, आकलन-कौशल और युक्ति-कौशल विकसित करने की ओर ध्‍यान देना चाहिये। 
अंतिम सत्र में ग्‍लोबल विज़न सोल्‍यूशन, भोपाल के सीईओ श्री सुमित दलेला ने ‘’आई.एस.ओ. के प्रति जागरुकता’’ विषय पर प्रतिभागियों के ज्ञान में वृद्धि करते हुए आईएसओ शब्‍द की उत्‍पति, उसका अर्थ और इसके अंतर्गत योग्‍यता प्राप्‍त करने के लिये शिक्षा के क्षेत्र में किस प्रकार की अपेक्षाओं, तैयारियों, रखरखाव और अद्यतन की आवश्‍यकता है इसकी विस्‍तृत जानकारी दी। 
‘शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यक्रम’ के समापन समारोह में बोलते हुए सोसाइटी के उपाध्‍यक्ष श्री हीरो ज्ञानचंदानी ने संत हिरदाराम साहब के सेवा-दर्शन पर आधारित सेवा कार्यों, जो वर्तमान में उनके परम शिष्‍य और उत्‍तराधिकरी श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के मार्गदर्शन में नईं ऊंचाइयां प्राप्‍त कर रहे हैं, के संबंध विस्‍तृत जानकारी देते हुए सेवा सदन नेत्र चिकित्‍सालय, आरोग्‍य केन्‍द्र और शिक्षा के क्षेत्र में संत हिरदाराम गर्ल्‍स कालेज, नैचरोपैथी कालेज और मैनेजमेंट कालेज की छात्राओं द्वारा प्राप्‍त उपलब्ध्यिों की जानकरी देते हुए प्रतिभागी गुरुजनों को कहा कि वे अपने स्‍कूलों के विद्यार्थियों को इन कालेजों में प्रवेश लेने हेतु प्रेरित करें।   
संत हिरदाराम गर्ल्‍स कालेज की प्राचार्या श्रीमती डालिमा पारवानी ने संबोधित करते हुए कालेज में चलने वाले विभिन कोर्सों और अलग-अलग विषयों में कालेज की छात्राओं द्वारा यूनीवर्सिटी की मेरिट लिस्‍ट में प्राप्‍त स्‍थान और शिक्षोत्‍तर गतिविधयों में प्रादेशिक एवं राष्‍ट्रीय तथा अन्‍तरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर प्राप्‍त उपलब्धियों की जानकारी देते हुए प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि वे अपनी छात्राओं को नवीं कक्षा से ही कालेज में चलने वाले विषयों के संबंध में जानकारी देना प्रारम्‍भ करें जिससे वे अपने भविष्‍य की पढ़ाई के सबंध में एक सुनिश्‍चत योजना बना सकें।
संस्‍था की एकैडेमिक हेड श्रीमती जयश्री मूर्ती, मिठी गोबिंदराम स्‍कूल के प्राचार्य श्री अजयबहादुर सिंह, नवनिधि स्‍कूल की प्राचार्या श्रीमती अमृता मोटवानी, सी.एच.आई गर्ल्‍स स्‍कूल., गांधीनगर की प्राचार्या श्रीमती प्रिया जैन शर्मा एवं विद्यासागर पब्लिक स्‍कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती मिष्‍ठी वासवानी ने अपने-अपने संबोधनों में गुरूजनों को कहा कि वे इस कार्यक्रम में गत छ: दिनों में विभिन्‍न विषयों पर अलग-अलग विद्ववानों द्वारा दिये गये प्रशिक्षण और मार्ग दर्शन को अपनी कार्यप्रणाली में उतारें और विद्यार्थियों को नई शिक्षा प्रणाली की व्‍यवस्‍थाओं  और अपेक्षाओं के अन्‍तर्गत शिक्षा प्रदान करना सुरिनश्चित करें।   
कार्यक्रम में सोसाइटी के श्री ए.सी. साधवानी (सचिव), श्री गोपाल गिरधानी (डॉयरेक्‍टर अकेडेमिक्स), श्री भगवान बाबाणी (प्रशासनिक अधिकारी), ने  उदबोधन दिया। श्री मनोहर वासवानी ने आभार प्रदर्शित किया

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