"Happy Classroom" Teachers orientation program organized by CBSE for the schools of Shaheed Hemu Kalani Educational Society
11-Jun- 2023
सीबीएसई द्वारा शहीद हेमू कालानी एज्युकेशनल सोसाइटी के स्‍कूलों के शिक्षकों लिए ‘’हैप्पी क्‍लासरूम’’ विषय पर सत्र का आयोजन

शहीद हेमू कालानी एज्युकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित स्‍कूलों के शिक्षकगणों के लिये दिनांक 7 जून से 12 जून तक आयोजित किये जा रहे ‘शिक्षक उन्मुखीकरण कार्यक्रम’ के चौथे और पांचवें दिन सीबीएसई द्वारा ‘’हैप्‍पी क्‍लासरूम’’ (Happy Classroom) विषय पर  सत्रों का आयोजन किया गया। 10 जून को आयोजित सत्र में नवनिध स्‍कूल के साथ ही विद्यासागर पब्लिक स्‍कूल तथा सीएचआई गर्ल्‍स स्‍कूल, गांधीनगर के शिक्षकगणों ने भाग लिया, जबकि 11 जून को आयोजित सत्र में मिठी गोबिंदराम स्‍कूल और केवलराम चैनराय स्‍कूल, करौंद के शिक्षकगणों ने भाग लिया।
पहले दिन डॉ. राजेश शर्मा (प्राचार्य, सरदार पटेल पब्लिक स्‍कूल) एवं डॉ. दीपिका भम्‍भानी (प्राचार्या, पोदार वर्ल्‍ड स्‍कूल) एवं दूसरे दिन सुश्री प्रीति खन्‍ना (प्राचार्या, विनयम पब्लिक स्‍कूल) तथा डॉ. दीपिका भम्‍भानी ने ‘हैप्‍पी क्‍लासरूम’ विषय पर अपने तथा अन्‍य शिक्षकों के अनुभवों पर आधारित विभिन्‍न गतिविधियों का वीडियो, लिखित प्रश्नोत्तरी एवं प्रोजेक्‍टस का प्रदर्शन करते हुए प्रतिभागियों को बताया कि उन्‍हें अपने विद्यार्थियों के मानसिक स्‍तर का आकलन करने के पश्‍चात ही उनके पढ़ाई के स्‍तर को निश्चित करना चाहिये। सभी विद्यार्थियों का मानसिक स्‍तर अलग-अलग होता है, विद्यार्थी की रुचि कक्षा में जागृत हो और वह सक्रिय बने इसके लिये एक शिक्षक को अपनी कक्षा में ऐसा माहौल बनाने का प्रयास करना चाहिये।  
दोनों दिन दो-दो वक्‍ताओं ने संयुक्‍त रूप से सत्रों को प्रशिक्षण एवं मार्गदर्शन प्रदान किया जिसमें उन्‍होंने बताया कि शिक्षक ही शिक्षा के पेशे की रीढ़ की हड्डी हैं अत: इस पेशे को ऊचाइयां एवं सम्‍मान प्रदान करने में शिक्षकों का बड़ा योगदान है। बच्‍चों की कक्षा में रुचि और उत्‍साह बना रहे इस हेतु शिक्षकों को कक्षा का संचालन बहुत ही रोचक ढंग से करना चाहिये। बच्‍चे अपने शिक्षक की प्रत्‍येक गतिविधि का अनुसरण करते हैं अत: शिक्षक को सदैव शांत और सौम्‍य व्‍यवहार करना चाहिये। शिक्षकों को ख़ुद की पहचान कर अपने अंदर छिपे बच्‍चे को बाहर निकालकर स्‍वयं की भावनाओं और संवेदनाओं को समझना चाहिये। जब अपनी भावनाओं को समझेंगे तो अपने विद्यार्थियों की भावनाओं और संवेदनाओं को अच्‍छी तरह समझ पाएंगे।  बच्‍चों को उनकी कमज़ोरी के विषय में बात न करके, उनको अच्‍छा करने हेतु प्रेरित करना चाहिये।       
शिक्षकगणों में विषय की सघन जानकारी और उसके प्रति रचनात्‍मकता होना अत्‍यंत आवश्‍यक है। उन्‍हें सिखाने के नये-नये तरीके ढूंढते रहना चाहिये। इसका उदाहरण देते हुए उन्‍होंने प्रतिभागियों को अपना परिचय संगीतबद्ध शैली में देने के लिए कहा। इसके प्रत्‍युत्‍तर में सभी प्रतिभागियों ने अपना-अपना परिचय संगीत और गायन की अलग-अलग शैलियों में देकर सत्र को बेहद ही मनोरंजक और रुचिकर बना दिया। उन्होंने शिक्षकों को कहा कि वे भी अपनी कक्षाओं में इसी ढंग से परिचय देने हेतु बच्चों को प्रेरित करें।
इस कार्यक्रम में सोसाइटी के उपाध्यक्ष श्री हीरो ज्ञानचदांनी, सचिव श्री ए सी साधवानी, डायरेक्टर एकेडेमिक्स श्री गोपाल गिरधानी, प्रशासनिक अधिकारी श्री भगवान बाबाणी, मिठी स्कूल के प्राचार्य श्री अजय बहादुर सिंह, उप-प्राचार्या श्रीमति आशा चंगलानी, नवनिध स्‍कूल की प्राचार्या श्रीमती अमृता मोटवानी, उप-प्राचार्या श्रीमति रेखा केवलानी, सीएचआई, गांधीनगर की प्राचार्या श्रीमती प्रिया जैन शर्मा, विद्यासागर पब्लिक स्‍कूल की प्रधानाध्यापिका श्रीमती मिष्‍ठी वासवानी, कोर्डीनेटर्स एवं आठों स्‍कूलों के लगभग 200 शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।

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