भारतीय सेना में रोज़गार के अवसर विषय पर अभिप्रेरणा सत्र का आयोजन
21-Apr- 2023

‘’ सौभाग्‍यशाली लोग ही सेना में जाते हैं ’’- श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी

‘भारतीय सेना में रोज़गार के अवसर’ विषय पर आयोजित अभिप्रेरणा सेमीनार 

ब्रहम्‍लीन संत  हिरदाराम साहिबजी की असीम अनुकंपा एवं परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के आशीर्वाद से शहीद हेमू कालाणी एजूकेशनल सोसायटी द्वारा संत हिरदाराम नगर क्षेत्र में संचालित विभिन्नि स्‍कूलों के विद्यार्थियों को भारतीय सेना के विभिन्‍न अंगों एवं अन्‍य सुरक्षा बलों में उपलब्‍ध रोज़गार के अवसरों एवं इस हेतु आवश्‍यक प्रक्रिया की पर्याप्‍त जानकारी उपलब्‍द्ध करवाने और उन्‍हें सेना में भर्ती होने हेतु अभिप्रेरित करने के उद्येश्‍य से प्रतिवर्ष एक अभिप्रेरणा सेमीनार का आयोजन किया जाता है। इसी कड़ी में दिनांक 21-04-2023 को विभिन्‍न विद्यालयों में अध्‍ययनरत 10वीं से 12वीं कक्षाओं के विद्यार्थियों हेतु अभिप्रेरणा सेमीनार का आयोजन संत हिरदाराम साहिबजी के परम शिष्‍य एवं संस्था के प्रेरणास्त्रोत परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी की पावन उपस्थिति में संत हिरदाराम ऑडिटोरियम में किया गया। कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि एवं प्रमुख वक्‍ता कर्नल नारायण पारवानी एवं विशिष्‍ट अतिथि बोरवन क्‍लब, ग्रेन मर्चेंट एसोसिएशन के अध्‍यक्ष एवं पूज्‍य सिंधी पंचायत के उपाध्‍यक्ष श्री जगदीश आसवानी थे। सेमीनार में मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्‍कूल, नवनिध स्‍कूल, मुकीता इंटरनेशनल स्‍कूल, ए.टी. शहानी स्‍कूल, के.टी. शहानी पब्लिक स्‍कूल एवं दीपमाला पगाराणी संस्‍कार स्‍कूल तथा संत हिरदाराम गल्‍स कॉलेज के विद्यार्थियों ने भाग लिया।   
सोसायटी के सचिव श्री ए.सी.साधवानी ने अपने स्‍वागत भाषण के दौरान कार्यक्रम के मुख्‍य अतिथि एवं वक्‍ता तथा विशिष्‍ट अतिथि का संक्षिप्‍त परिचय देते हुए इस सेमीनार के उद्येश्‍यों पर प्रकाश डाला एवं कहा कि छात्र देश सेवा के लिए आगे आएं और अपने अध्ययन के प्रति गंभीर रहकर राष्ट्र की निधि बने इस हेतु प्रतिवर्ष सोसायटी द्वारा इस प्रकार का सेमीनार आयोजित किया जाता है। उन्‍होंने बताया कि परमहंस संतजी व श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने इस उपनगर में शिक्षा के क्षेत्र में बहुत कार्य किया है। सभी स्‍कूलों एवं कालेजों में संस्‍कारों के साथ गुणवतापूर्ण शिक्षा प्रदान की जाती है। अभी हाल ही में बरकतउल्‍ला विश्‍वविद्यालय द्वारा जारी की गई मेरिट लिस्‍ट में संत हिरदाराम गर्ल्‍स कालेज की 16 छात्राओं ने स्‍थान प्राप्‍त किया है, इनमें से तीन को तो गोल्‍ड मेडल प्राप्‍त हुआ है।   
विशिष्‍ट अतिथि श्री जगदीश आसवानी ने अपने उदबोधन में कहा कि शहीद हेमू कालाणी एजूकेशनल सोसायटी द्वारा विद्यार्थियों को राष्‍ट्र रक्षा के कार्यों में आगे आने के प्रेरणा देने वाले इस प्रकार के आयोजन करना बहुत ही सराहनीय कार्य है। इससे युवा पीढ़ी को राष्‍ट्रभक्ति की प्रेरणा मिलेगी और इस राह में आगे बढ़ने हेतु  उनको मार्गदर्शन प्राप्‍त होगा। मुझे समाज सेवा करने की प्रेरणा श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी से मिली है। 
श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी जी ने अपने आशीष वचन में कहा कि आज का युवा अपने खान पान और स्‍वस्‍थ रहने की दशा में उचित मार्गदर्शन प्राप्‍त न होने के कारण अपने मार्ग से भटक गया है, जिसके कारण वह परिश्रम से दूर भागता है। बिना मेहनत और परिश्रम के व्‍यक्ति‍ बीमार पड़ जाता है, जबकि एक स्‍वस्‍थ शरीर और स्‍वस्‍थ मस्तिष्क वाला व्‍यक्ति ही देश और समाज के लिए सकारात्‍मक कार्य कर सकता है।  राष्ट्र प्रेम प्रत्येक नागरिक का नैतिक एवं प्रथम कर्तव्य है, जिसकी पूर्णता हम सभी का उत्तर-दायित्व है। भारतीय सेना राष्ट्र की रीढ़ की हड्डी है जिसके मजबूत कन्धों पर ही राष्ट्र की आधारशिला टिकी है। सैनिक बनना अपने आप में अत्यंत गर्व और देशभक्ति का परिचायक है। इसी कारण सैनिक की वर्दी को जो सम्‍मान प्रत्‍येक क्षेत्र में प्राप्‍त होता है वैसा सम्‍मान किसी और क्षेत्र में प्राप्‍त नहीं होता। सच में सौभग्‍यशाली व्‍यक्ति ही देश सेवा हेतु सेना में जा पाते हैं। देश भक्ति ईश्‍वर भक्ति भी है। इस मूलभावना को बच्चों में विद्यार्थी जीवन से ही निरूपित किया जाना चाहिए। ताकि देश सेवा के प्रति उनकी संकल्प शक्ति दृढ़ हो सके।  
कार्यक्रम के मुख्‍य वक्‍ता कर्नल पारवानी जी ने पीपीटी एवं वीडियोज़ के माध्‍यम से बताया कि केवल सीमा पर जाकर लड़ने वाले ही सैनिक नहीं हैं। जो व्‍यक्ति जिस क्षेत्र में कार्यरत है, उसी क्षेत्र में यदि परिश्रम और ईमानदारी से राष्‍ट्र हित में कार्य कर रहा है तो वह भी एक सैनिक के तुल्‍य है। परन्‍तु इस हेतु उसका परिश्रमी और स्‍वस्‍थ होना आवश्‍यक है क्‍योंकि रोगी शरीर वाला व्‍यक्ति जीवन के किसी भी क्षेत्र में आनंद प्राप्‍त नहीं कर सकता। उन्होंने विद्यार्थियों को भारतीय सेना का महत्व, उपयोगिता, व्यावसायिक संभावनाओं, चयन प्रक्रिया का विस्तृत विवरण बताते हुए कहा कि सेना कोई व्यवसाय मात्र नहीं है अपितु जीवन को गौरव और साहस के साथ जीने का मार्ग एवं तरीका है। यह सेवा भाव है और ऐसा जीवन वही मनुष्य जी सकता है जिसमें वीरता, स्वाभिमान, अनुशासन के गुण हों। उन्‍होंने बताया कि सेना प्रतिभा सम्पन्न युवाओं के उच्च एवं उच्चतर शिक्षा का पूर्ण व्यय भी उठाती है। सैन्य जीवन में रोमांचक अनुभवों से गुजरते हुए सैनिक राष्ट्र के प्रति प्रेम एवं प्रसन्नता का भाव महसूस करता है। उन्‍होंने यह भी बताया कि यदि विद्यार्थी एवं अन्‍य युवा भारतीय सेना का चयन करते है, तो उनके व्यक्तित्व में - कार्य संतुष्टि, व्यावसायिक स्थिरता, शारीरिक सौष्ठव, आर्थिक सक्षमता, उत्तम जीवन स्तर, उत्कृष्ट सामाजिक स्तर, गौरवानुभूति, रोमांचकता, योग्यता, सक्षमता का अधिभार सरकार द्वारा व्यावसायिक तकनीकी ज्ञान अभिवृद्धि की उपलब्धि, विविधता का अनुभव ये सभी चीज़ें किसी भी व्‍यक्ति के व्यक्तित्व को निश्चित रूप से सकारात्मकता प्रदान करते है।  
कार्यक्रम में सोसायटी के उपाध्‍यक्ष श्री हीरो ज्ञानचंदानी, सदस्‍य श्री भगवान दामानी, श्री थांवरदास वरलानी, श्री राजकुमार मूलचंदानी, डायरेक्‍टर (एकेडिम्‍क्स) श्री गोपाल गिरधानी, प्रशासनिक अधिकारी श्री भगवान बाबाणी, नवयुवक सभा के सचिव श्री सुरेश रजपाल, दीपमाला पगारानी संस्‍कार सकूल के महा‍सचिव श्री बसंत चेलानी समस्‍त आमंत्रित स्‍कूलों के प्राचार्य एवं शिक्षकगण तथा अन्‍य गणमान्‍य नागरिक उपस्थित थे। 
इस अवसर पर जम्‍मु कश्‍मीर के पुंछ क्षेत्र में दिनांक 20 अप्रेल को शहीद हुए सेना के 5 जवानों को दो मिनट मौन धारण कर श्रद्धांजलि अर्पित की गई। 
कार्यक्रम का संचालन एवं आभार प्रदर्श्‍न सुश्री प्रमिता दुबे परमार द्वारा किया गया। 
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