Shaheed Hemu Kalani Jayanti 2023
25-Mar- 2023

शहीद हेमू कालाणी एज्युकेशनल संस्‍थान के स्‍कूलों /कालेजों द्वारा मनाया गया शहीद हेमू कालाणी का 100 वां जन्‍म दिवस एवं भगतसिंहराजगुरू और सुखदेव को श्रद्धांजलि

दिनांक 23 मार्च को शहीद हेमू कालाणी एजूकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित विभिन्‍न विद्यालयों - मिठ्ठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूलनवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूलकेवलराम चैनराय पब्लिक स्कूलविद्यासागर पब्लिक स्कूल एवं सीएचआई. गर्ल्‍स हायर सेकंडरी स्‍कूलसंत हिरदाराम नगर गर्ल्‍स  कालेज व नैचुरोपैथी कालेज की ओर से संयुक्‍त रूप से मिठी गोबिंदराम स्‍कूल में शहीद हेमू कालाणी का 100 वां जन्‍म दिवस मनाया गया एवं इसी अवसर पर स्‍वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद भगतसिंहशिवराम राजगुरू और सुखदेव थापर को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। चूंकि इस समय स्‍कूलों में अवकाश था और सीबीएससी बोर्ड की परीक्षाएं चल रही थी अत: कार्यक्रम में सोसायटी के पदाधिकारीप्राचार्यगण एवं अन्‍य उपस्थित स्‍टाफ ने भाग लिया।

इस अवसर पर सोसायटी के प्रशासनिक अधिकारी भगवान बाबाणी ने बताया कि हेमू कालाणी जी शहीद भगत सिंह से बहुत अधिक प्रभावित थे और उनकी शहादत इतिहास में एक महत्वपूर्ण अध्याय के रूप में शामिल है। संसद भवन में शहीद हेमू कालाणी की  प्रतिमा की स्थापना भारत सरकार द्वारा की गई है। तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने वर्ष 2003 में इसका लोकार्पण किया था। इसके पहले भारत सरकार ने शहीद हेमू कालाणी पर डाक टिकट भी जारी की थी।  एक साक्षात्कार में हेमू कालाणी के भाई श्री टेकचंद कालाणी ने बताया था कि जेल में रहने के दौरान हेमू काफी अध्ययन करते थे। वे नियमित रूप से व्यायाम भी करते थे। जिन खेलों में उनकी रुचि थी उसमें क्रिकेट साइकिलिंग और तैराकी शामिल है। यह सच है कि कारावास में रहते हुए भी उनका वज़न पाउंड बढ़ गया था। ऐसा व्यक्ति जिसे मौत की सजा सुनाई गई होउसका वज़न बढ़ जाना एक विलक्षण घटना है। जब हेमूं को फांसी की सजा के आदेश की बात उनके परिवार को मिली तो उन्‍होंने विधि विशेषज्ञों से सम्‍पर्क किया। कालाणी परिवार के वकील पीरजादा अब्दुल सत्तार ने हेमूं के पास उनके मामा के माध्‍यम से संदेश भेजा कि यदि वे माफीनामे पर हस्ताक्षर करते हैं तो हो सकता है उन्हें माफी मिल जाए या मौत की सज़ा कारावास में बदल जाए। लेकिन स्वतंत्रता प्रेमीदेशभक्त और साहसी युवक हेमूं को यह स्वीकार न था और उन्‍होंने ऐसे किसी माफीनामे पर हस्ताक्षर करने से इंकार कर दिया। फांसी के पहले भी वे बिल्कुल संयमित थे।

            ब्रहम्‍लीन संत हिरदाराम साहिबजी के परम शिष्‍य तथा उत्‍तराधिकारी एवं शहीद हेमू कालाणी एजूकेशनल सोसायटी के अध्‍यक्ष श्रद्धेय सिद्धभाऊजी ने इस अवसर पर अपने सम्‍प्रेषित संदेश में कहा कि भगतसिंहराजगुरुसुखदेव भारत मां के वे सच्चे सपूत थे और सन् 1923 में उनकी शहादत की तिथि 23 मार्च पर ही शहीद हेमूं कालानी का जन्‍म हुआ जिन्होंने अपने प्रेरणा स्रोत शहीद भगतसिंह के पद-चिन्‍हों पर चलते हुए देशभक्ति और देशप्रेम को अपने प्राणों से भी अधिक महत्व दिया और मातृभूमि की स्‍वतंत्रता के लिए अपने प्राण न्योछावर कर गए।  मैं अपने देश के लिए कुर्बान हुए शहीदों को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि देता हूं।

इस कार्यक्रम में संस्‍था के श्री हीरो ज्ञानचदांनी (उपाध्यक्ष)श्री ए.सी. साधवानी (सचिव)श्री के. एल. रामनानी (सह सचिव)श्रीमती जयश्री मूर्ति (अकेडेमिक हेड)श्री गोपाल गिरधानी (अकेडेमिक डायरेक्‍टर), मिठ्ठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल की प्राचार्या श्रीमती आशा चंगलानीनवनिध हासोमल लखानी पब्लिक स्कूल की उप-प्राचार्या श्रीमती रेखा केवलानी,  सीएचआई.गांधीनगर की प्राचार्या श्रीमती प्रिया जैन शर्माविद्यासागर पब्लिक स्‍कूल की प्रधानाध्‍यापिका श्रीमती मिष्‍ठी वासवानी एवं केवलराय चैनराय पब्लिक स्‍कूल के प्राचार्य श्री राजेश लालवानीडॉ. डालिमा पारवानी (प्राचार्यासंत हिरदाराम गर्ल्‍स कालेज)डॉ. हिमांशु शर्मा (एसएचएमसीएनवाईएस)उप-प्राचार्यकोआर्डीनेटर्सएवं संस्‍था के आठ स्‍कूलों व दो कालेजों के अन्‍य स्‍टॉफ सदस्‍य उपस्थित रहे।


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