मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी का 70वाँ जन्मोत्सव
23-Dec- 2022
मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया
श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी का 70वाँ जन्मोत्सव

दिनांक 23 दिसम्बर 2022 को शहीद हेमू कालानी शिक्षण संस्थान के मिठी गोबिंदराम पब्लिक स्कूल में विद्यालयीन परिवार ने संत शिरोमणि हिरदाराम साहिब जी के उत्तराधिकारी एवं उनके परम शिष्य श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी का 70वां जन्मोत्सव बड़े हर्षोल्लास, उत्साह एवं उमंग के साथ मनाया।

संस्था-सचिव सम्माननीय ए.सी. साधवानी ने विद्यालयीन परिवार की ओर से परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी को उनके 70वें जन्मोत्सव की पावन बेला पर असीम शुभकामनाएँ संप्रेषित करते हुए उनके स्वस्थ, दीर्घायु एवं प्रसन्न जीवन की मंगल कामना की। साथ ही छात्रों को संबोधित करते हुए भाऊजी के विद्यार्थी जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी अपने विद्यार्थी जीवन से ही कर्मठ, परिश्रमी, लगनशील एवं विनयशील विद्यार्थी रहे हैं। अध्ययन के प्रति दायित्व बोध की भावना एवं उपर्युक्त गुणों के कारण सदैव उनके मुख-मण्डल पर तेज, आभा एवं आत्मविश्वास विद्यमान रहता था। उन्होनें बताया कि परम् श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने अपना समस्त जीवन समाज सेवा और स्वास्थ्य सेवा हेतु समर्पित किया हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि ईश्वर का ध्यान करते हुए अपना मन सद्कार्यों में लगाएँ। परीक्षाओं और मुश्किलों से डरें नहीं बल्कि साहस के साथ सामना करें। बुरी संगत से दूर रहें और स्वस्थ्य के प्रति अधिक सावधानी बर्तें।

 इसी तारतम्य में संस्था के एकादमिक डायरेक्टर श्री गोपाल गिरधानी ने कहा कि साधारण व्यक्ति सामान्य जीवन जीकर परलोक गमन कर जाते हैं परन्तु  परम् श्रद्धेय भाऊजी जैसे व्यक्ति विशिष्ट व्यक्तित्व के धनी होते हैं जिनके लिए समस्त समाज ही एक परिवार की भांति होता है जिसकी सेवा में वे अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित कर देते हैं। उन्होंने आगे कहा कि संत जी के सपने व पावन सद्कार्यों को एक विजन के रूप में परम् श्रद्धेय भाऊजी ने ही आगे बढ़ाया हैं। साथ ही भाऊजी ने बालपन से ही ब्रम्हचार्य का पालन किया है और हमेशा समाज की भलाई करने हेतु द्रढ़ संकल्पित हैं और इन सेवा कार्यों के कारण ही संत जी ने उन्हें सिद्ध पुरूष की उपाधि से विभूषित किया था।

 इसी क्रम में संस्था के प्रशासनिक अधिकारी श्री भगवान बाबानी ने परम् श्रद्धेय भाऊजी को जन्मदिन की शुभकामनाएं बहुत ही सुंदर गीत (अपने लिए जीये तो क्या जीये) के माध्यम से दी। इस गीत के माध्यम से उन्होंने गागर में सागर कथन को सार्थक किया जो अपने आप में भाऊजी के विशेषताओं को चरितार्थ करता है।

इसी तारतम्य में विद्यालयीन प्राचार्या श्रीमती आशा चंगलानी ने विद्यालय परिवार की ओर से भाऊजी को असीम मंगल-कामनाएँ प्रेषित की एवं भाऊजी के द्वारा किए जा रहे समाज कल्याण, मानव सेवा, पशुपक्षियों हेतु दाना-पानी की व्यवस्था, निस्वार्थ सेवा भावी कार्यों पर भी प्रकाश डाला। इसी के साथ उन्होंने बच्चों को यह भी बताया कि किस प्रकार श्रद्धेय भाऊजी ने संत जी की शिक्षाओं और उनकी हर आज्ञा का पालन कर समाज में इतना महानतम व्यक्तित्व प्राप्त किया है। इसी प्रकार हर बच्चा अगर अपने माता-पिता, बड़े-बुजुर्ग एवं अपने गुरूजनों का सम्मान करके उनकी हर आज्ञा का पालन करें तो वह भी एक दिन ऐसा ही सामर्थ्य हासिल कर सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि शहीद हेमू कालानी सोसायटी के समस्त विद्यालयों में मुख्य बात यहां की सकारात्मकता है और चारों ओर फैल रही विकसित प्रगति की खुशबू है। उन्होंने भाऊजी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डलते हुए कहा कि भाऊजी ने जो विकल्प अपनी जिंदगी में अपनाएं है वे हैं सेवा और सुमिरन जो उन्हें महान व्यक्ति बनाते हैं। उनके समाज की भलाई के कार्य निरंतर चहुमुखी अपनी परमानंद रूप सुगंध बिखेर रहे हैं। 

इस अवसर पर अनेक मनमोहक एवं रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए जिसके अंतर्गत कक्षा आठवीं के छात्रों द्वारा कविता पाठ प्रस्तुत किया गया। इसी कड़ी में कक्षा बारहवीं के छात्र आर्यन द्विवेदी ने भी अपने भाषण में भाऊजी के श्रेष्ठ व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला तथा कक्षा तीसरी के विद्यार्थियों द्वारा समूह गान एवं कक्षा छठवीं के विद्यार्थियों द्वारा भाऊजी के जन्मदिन पर समूह नृत्य प्रस्तुत किया। इसी तारतम्य में भाऊजी की शिक्षाओं और संदेशों को सुंदर तरीके से दिखाया एवं बताया गया।

कार्यक्रम की रूपरेखा एवं कुशल संचालन में श्रीमती सीमा तारे, श्री भूपेश पाठक एवं सुश्री योग्यता शर्मा का महत्वपूर्ण योगदान रहा एवं भाऊजी के अभिप्रेरित संदेशों की शृंखला के प्रस्तुतिकरण में सुश्री निशा थापा, श्रीमती कामिनी सोनी, श्रीमती कीर्ति राजपूत एवं सुश्री हुमा खान का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमती कीर्ति राजपूत द्वारा किया गया।

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