मानवीय संवेदना एवं पर्यावरण के प्रति जागरूक रहकर मनाएँ दीवाली- श्रद्धेय भाऊजी
दिनांक 14 अक्टूबर 2022 को मिठी गोबिन्दराम पब्लिक
स्कूल
के
कक्षा
पहली-दूसरी एवं पांचवी-छठवीं के छात्रों के लिए ''इको फ्रेंडली दीवाली''
सत्र
का
आयोजन
परमहंस संत हिरदाराम जी की अनुकंपा एवं श्रद्धेय सिद्ध भाऊ जी के पावन सानिध्य
में शहीद हेमू कालानी एज्युकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित मिठी गोबिन्दराम पब्लिक
स्कूल में ''इको फ्रेंडली दीवाली'' सत्र का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य विद्यार्थियों में भारतीय संस्कृति, जीवन मूल्यों एवं प्रदूषण मुक्त पर्यावरण
के प्रति ध्यान आकर्षित करना रहा।
परम श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के संदेश को प्रेषित करते हुए कॉर्डिनेटर श्रीमती मिनी नायर ने छात्रों से कहा
कि दीवाली पर घर में स्वच्छता से बने हुए पकवानों का ही प्रयोग करें। घर में
सजावट के लिए प्राकृतिक रोशनी यानि मिट्टी के दीयों का प्रयोग करें और पर्यावरण स्वच्छता
का ध्यान रखें। अपनी खुशियों को इस प्रकार न मनाएँ जिससे दूसरों को किसी प्रकार
की क्षति पहुँचे अर्थात् नवजात शिशु, बुजुर्गों एवं पशु-पक्षियों का भी ध्यान रखें। गरीबों को अपनी क्षमता
अनुसार मदद जरूर करें, जिससे वे भी इस खुशियों के त्योहार
का आनंद ले सकें। आगे उन्होंने छात्रों को
समझाया कि हम "वसुधैव कुटुंबकम्" की मान्यता को पूर्ण रूप से मानते हैं और इस बात का हमें सदा स्मरण रखना है। हमें अपने त्योहार को पारंपरिक रूप से मनाना चाहिए, जिससे प्रकृति का संवर्धन हो और समाज के प्रत्येक वर्ग को लाभ हो। उन्होंने कहा कि पटाखों पर धन व्यय करना अनुचित है अत: इस धन
का उपयोग आवश्यक वस्तु खरीदने में लगाएं। उन्होंने कहा कि जब जीवन में प्रेम व स्नेह हो तो जीवन उत्सव बन जाता है किंतु जीवन में प्रेम का अभाव व्यक्ति को स्वार्थी व संवेदनहीन बनाता है।
संस्थान सचिव श्री ए.सी.साधवानी ने अपने सम्प्रेषित संदेश में छात्रों को
बताया कि जीवन की सार्थकता
के लिए हमें परिवार के महत्व को समझना होगा एवं माता-पिता के त्याग का मान रखना होगा। अपने माता-पिता एवं गुरुजनों के प्रति कृतज्ञता का भाव रखना होगा क्योंकि माता-पिता और गुरुजनों के आशीर्वाद से ही हमें सफलता मिलती है और हम अपने वाँछित लक्ष्य को पा सकते हैं|
उन्होंने
अपने उद्बोधन में छात्रों को प्रेरित करते हुए कहा कि हम जो भी देखते हैं और सुनते हैं उसी से हमारे विचार बनते हैं इसलिए हमेशा अच्छा देखें व अच्छी बातों को सुनें| उन्होंने छात्रों से कहा कि अपने लक्ष्य के प्रति जागरुक रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करना ही जीवन का परम उद्देश्य है| आपकी पढ़ाई ही आपकी
ताकत है जिसके बल पर आप बड़े से बड़ा मुकाम हासिल कर सकते हैं| अगर आप शिक्षितवान व्यक्ति हैं तो कभी भी आपको
कोई मूर्ख नहीं बना सकता|
शहीद हेमू कालानी एजुकेशनल सोसाइटी के अकादमिक
डायरेक्टर श्री गोपाल गिरधानी ने बताया कि दीवाली उत्साह और उमंग का त्यौहार है, परन्तु मनुष्य आतिशबाजी करके पर्यायवरण
प्रदूषण करके इस त्यौहारों के मुख्य
उद्देश्य को भूलता जा रहा है। उन्होंने पटाखे, बम
आदि से होने वाली ध्वनि के बारे में बताया कि किस प्रकार ये ध्वनि हमारे लिए
घातक है। उन्होंने पटाखें के दुष्परिणामों का वैज्ञानिक कारण छात्रों के साथ
साझा करते हुए कहा कि पटाखे 120 डेसिबल से ज्यादा के भी बनाए जाते हैं जो हमारे
कानों के लिए एवं वातावरण के लिए हानिकारक होते हैं। उन्होंने छात्रों से अपील की
कि वे पर्यावरण स्वच्छता का ध्यान रखते हुए शगुन स्वरूप केवल फुलझड़ी एवं अनार
का प्रयोग पारिवारिक सदस्यों की निगरानी में ही करें साथ ही बुजुर्गों, छोटे बच्चों एवं अन्य जीव-जन्तुओं का विशेष ध्यान रखें।
विद्यालय की उप-प्राचार्या श्रीमती आशा चंगलानी ने छात्रों से परिचर्चा करते
हुए इको फ्रेंडली दीवाली का अर्थ बताया, उन्होंने कहा कि दीवाली पर की जाने वाली आतिशबाजी के अनेक दुष्प्रभाव
होते हैं। साथ ही बताया कि त्यौहार खुशियों के प्रतीक होते हैं। वास्तविक खुशी
वह है जो हम दूसरों को देते हैं अत: आप अपने सद्व्यवहार,
मृदुल वाणी, सहयोग व सेवा से भी खुशी प्रदान कर सकते हैं। उन्होंने
समझाया कि यह त्यौहार हमें आज्ञा पालन करना, सहयोग करना, संवेदनशील एवं सहनशीलता का संदेश देता है अत: ये
गुण आत्मसात करना आज की प्रथम आवश्यकता है।
विद्यालय की शिक्षिका श्रीमती ऊषा राघव ने छात्रों को दीवाली के धार्मिक
कारणों पर प्रकाश डालते हुए इको फ्रेंडली दीवाली मनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने
छात्रों को समझाया कि पटाखों से न सिर्फ ध्वनि प्रदूषण व वायु प्रदूषण होता है बल्कि कई जहरीले रासायनिक पदार्थ जैसे लैड, कैडमियम, बेरियम,
एल्यूमिनियम, कॉपर सल्फेट आदि वायु में फैलकर उसे इतना प्रदूषित कर देते हैं कि यह सांस लेने पर शरीर के लिए घातक हो जाती है। इसके अतिरिक्त उन्होंने छात्रों को बताया कि किस प्रकार दीवाली के आधुनिक पटाखे, प्रकृति के सबसे प्यारे जीवों की दु:खद मृत्यु का कारण बनते जा रहे हैं ।
इस अवसर पर संस्था के अकादमिक डायरेक्टर श्री गोपाल गिरधानी, उप-प्राचार्या श्रीमती आशा चँगलानी, कॉर्डिनेटर मिनी नायर, विशेष वक्ता के रूप में
शिक्षिका श्रीमती ऊषा राघव एवं समस्त शिक्षक-शिक्षिकाएं उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का कुशल संचालन शिक्षिका श्रीमती कीर्ति राजपूत द्वारा किया गया तथा
कार्यक्रम का आभार कार्डिनेटर श्रीमती मिनी नायर द्वारा व्यक्त किया गया।
इसी तारतम्य में कल दिनांक 15.10.2022 को कक्षा सातवीं-आठवीं के
छात्रों के लिए इसी प्रकार का सत्र आयोजित किया जाएगा।
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