117th Incarnation Day Celebration of Paramhans Sant Hirdaram Sahibji
21-Sep- 2022
मानवता के शक्तिपुंज संत हिरदाराम साहिबजी, जिनके जीवन आर्दर्शों से समाज की दिशा और दशा बदली - श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी

मिठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल में संत हिरदाराम साहिबजी का 117वाँ अवतरण दिवस पूर्ण हर्षोल्लास से मनाया गया ।

दिनांक 21 सितम्बर 2022 को शहीद हेमू कालानी एजूकेशनल सोसायटी द्वारा संचालित मिठी गोबिन्दराम पब्लिक स्कूल में मानवता के पुजारी संत हिरदाराम साहिबजी का 117वॉ अवतरण दिवस श्रृद्धाभाव से मनाया गया। इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य विद्यार्थियों को संत हिरदाराम साहिबजी के जीवन-आदर्शों एवं कल्याणकारी कार्यों से परिचित कराना रहा। साथ ही उपस्थित सदस्यों में सेवा, परोपकार, जीवों के प्रति दयाभाव जगाना रहा। 

संस्था के मार्गदर्शक श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी ने अपने संप्रेषित संदेश में विद्यालय परिवार को संत साहिब के 117वें अवतरण दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि संत साहिब मानवता के शक्तिपुंज थे। उन्होंने अपने आदर्शों से समाज की दिषा और दशा को बदला। अतः संत साहिबजी के जन्मोत्सव की सार्थकता तभी है जब हम उनके आदर्शों उद्देश्यों और मानवीय मूल्य आधारित कार्यों को अपने दैनिक जीवन में क्रियांवित करें। इसके लिए छात्रों का प्रथम दायित्व है कि वे अपने माता-पिता, गुरूजनों के प्रति आदर एवं आस्था का भाव बनाएं रखें और अपने सदाचरण से समाज को प्रकाशित करें तथा संत जी द्वारा निर्देशित सिद्धांतों-परोपकार, सेवा, सादगी, करूणा, दया जैसे गुणों को जीवन का अभिन्न अंग बनाते हुए अपने लक्ष्य को प्राप्त करें।

संस्था सचिव श्री ए.सी. साधवानी जी ने अपने उद्बोधन में समस्त विद्यालय परिवार को अपनी असीम शुभकामनाएँ दी। संतजी के उत्तराधिकारी श्रद्धेय सिद्ध भाऊजी के इस अवसर पर दिए गए संभाषण मुख्य तीन बिंदुओं पर प्रकाश डाला कि हम अपने ईष्ट-देव पर विश्वास एवं आस्था बनाएं रखें, अंहकार रहित जीवन यापन करें एवं परनिंदा से सदैव दूरी बनाएं रखें। उन्होंने इन जीवन मूल्यों को वैज्ञानिक आधार से जोड़ते हुए सादा, सरल एवं सहज जीवनषैली अपनाने की सीख दी। 

सहसचिव श्री के.एल. रामनानी जी ने संतजी के अवतरण दिवस की शुभकामनाएं देते कहा कि संत इस धरा पर आते ही जनकल्याण के लिए हैं। वास्तव में ईश्वर के सच्चे दूत और स्वरूप संत ही होते हैं। हम जो भी कार्य करें उसे सेवाभाव से करें। भावनात्मक रूप से जुड़कर कार्य करना ही श्रेष्ठ परिणाम देता है।

अकादमिक डायरेक्टर श्री गोपाल गिरधानी जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि अपने कर्माें से कोई भी व्यक्ति इस जीवन को अमर बना पाता है। संतजी सच्चे कर्मयोगी थे। उन्होेंने कार्य करके दिखाएं न कि बोलकर। संतजी का शारीरिक जीवन भले ही 100वर्षों का रहा हो परंतु उनके कर्माें की आयु शाश्वत और अमर है। संतजी ने बालिका शिक्षा को समाज की आधारशिला माना तथा संतजी के आदर्ष वाक्य - बच्चे, बूढ़े और बीमार है परमेष्वर के यार। करे भावना से इनकी सेवा पाएँगे लोक परलोक में सुख अपार।। इस उक्ति की गहराई को विस्तारपूर्वक स्पष्ट किया।

संस्था के प्रशासनिक अधिकारी श्री भगवान बाबानी जी ने अपने उद्बोधन में उन्होंने संतजी के आलौकिक स्वरूप पर प्रकाश डाला और संतत्व, सादगी एवं सेवा का भाव हमारे अंदर भी जागृत हो ऐसी शुभभावनाओं के साथ संतजी के अवतरण दिवस की शुभकामनाएं प्रेषित की।   

इसी श्रृंखला में श्रीमती आशा चंगलानी (उपप्रचार्या) जी ने अपने वक्तव्य मंे कहा कि संत जीवन के सत्य से अवगत कराते हैं। संत साहिब सत्य, सादगी, सहानुभूति, दया एवं मानवता के पर्याय है। आज के दिन संकल्पित हो कि हम स्वयं के प्रति संस्थान, विद्यार्थी, परिवार एवं अपनी जिम्मेदारियों के प्रति सदैव ईमानदार रहेंगे। यही सरलता हमें जीवन की जटिलताओं से मुक्त करेगी।

विद्यालय षिक्षिका श्रीमती मधु आसुदानी जी ने संतजी के जीवन परिचय देते हुए उनके जीवन-मूल्यों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि संतों के होने से समाज सुंदरता एवं कल्याण पाता है। प्राणी मात्र की सेवा से आप ईश्वर की प्राप्ति कर सकते हैं। 

विद्यालय षिक्षिका श्रीमती प्रिया देवानी एवं रंजीता फुलवानी जी ने संतजी के सेवाकार्याें की विस्तृत जानकारी प्रदान करते हुए उनके शिक्षा, स्वस्थ एवं समाज कल्याणकारी संबंधित कार्यों से अवगत करवाया।

इस अवसर पर विद्यालय के संगीत विभाग द्वारा भजन के माध्यम से सभागार को संतमयी आदर्ष-तरंगों से भर दिया। 

इस अवसर पर श्री ए.सी. साधवानी (सचिव), श्री के.एल. रामनानी (सह-सचिव), श्री गोपाल गिरधानी (अकादमिक डायरेक्टर), श्री भगवान बाबानी (प्रशासनिक अधिकारी), श्रीमती आशा चंगलानी (उपप्राचार्या), कोर्डिनेटर्स, शिक्षिक एवं शिक्षिकाएँ उपस्थित रहें।

कार्यक्रम का कुशल संचालन शिक्षिका सुश्री रश्मि सुजवानी द्वारा किया गया। तथा कार्यक्रम का आभार शिक्षक श्री राजीव भार्गव द्वारा व्यक्त किया गया।


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